शुक्रवार, 5 नवंबर 2010

मैंने लक्ष्‍मी जी से.....;

मैंने लक्ष्‍मी जी से प्रार्थना की है कि वे मेरे घर के साथ साथ उन घरों में भी जाएं जिन घरों में अभावों की भरमार है। अंत में ये भी कहा है कि वे आपके घर भी आएं.....

7 टिप्‍पणियां:

  1. दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।

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  2. ज्योति पर्व के अवसर पर आप सभी को लोकसंघर्ष परिवार की तरफ हार्दिक शुभकामनाएं।

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  3. चंदन जी, वंदन जी, अभावों की चाहे भरमार हो, पर भाव मन के साकार हों, जिनमें बसा प्‍यार का भाव बेशुमार हो। आपको फोन मिला रहा हूं पर आप नहीं उठा रहे हैं, या तो सो गए हैं अथवा सपनों में खो गए हैं।

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  4. सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
    दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
    खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
    दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

    -समीर लाल 'समीर'

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  5. साधुवाद इस नेक और अनेक खयाल के लिये.

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  6. मेरे घर के बाद आप के घर भी जरुर जाएँ !....यही हमारी दीपोत्सव की शुभकामना है !!

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  7. इस पोस्‍ट का सार है कि लक्ष्‍मी जी हिन्‍दी ब्‍लॉगरों के इर्द-गिर्द ही घूमती रहें। हिन्‍दी ब्‍लॉगर चंदन जी की इस अभिलाषा के लिए उनका वंदन है।

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टिप्‍पणी की खट खट
सच्‍चाई की है आहट
डर कर मत दूर हट